ऋषिकेश, को “विश्व की योग राजधानी” के रूप में जाना जाता है। प्राचीन काल में उच्च ज्ञान की तलाश में साधु-संतों का यहां ध्यान करने के लिये आना होता था। पौराणिक कथाओ के अनुसार, भगवान राम ने रावण को मारने के लिए यहां तपस्या की थी, और उनके छोटे भाई लक्ष्मण ने दो जूट की रस्सियों का उपयोग करके गंगा नदी को पार किया था , जहां वर्तमान में ‘लक्ष्मण झूला’ है।

Lakshman Jhula

वर्ष 2000 के बाद से, ऋषिकेश में बहुत से बदलाव हुये गये है। पहले यह शहर तीर्थ यात्रियों के लिये जाना जाता था और अब एक पर्यटक शहर में स्थानांतरित हो गया है। अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के कारण इस शहर ने बहुत से पर्यटकों का ध्यान केंद्रित किया है। समय के साथ शहर के बाजार “स्थानीय और धार्मिक हस्तशिल्प” से परिवर्तित होकर ” कैफे, होटल, योग और ध्यान के साथ-साथ राफ्टिंग, बनजी जंपिंग और कैंपिंग ” आदि में परिवर्तित हो गए है। फरवरी 1968 में, बीटल्स बैंड ऋषिकेश में घूमने के लिये आये और यहाँ उन्हें योगी महर्षि महेश  के आश्रम के बारे में पता चला। वे सभी महर्षि जी के दिव्य ध्यान से प्रभावित हुये इसके पश्चात् से पश्चिमी लोगों का इस शहर में आना बढ़ता ही गया , और इस हद तक बढ़ गया कि आज ऋषिकेश को “विश्व की योग राजधानी” के नाम से जाना जाता है। यहाँ बहुत से योग केंद्र हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। देश – विदेश से छात्र योग सीखने यहाँ आते है और योग शिक्षक के रूप में योग्य बन कर जाते हैं।

The best places in Rishikesh to visit

वैसे तो ऋषिकेश की सुंदरता की जितनी बात करी जाये कम है। वहां की हवा में ही कुछ है, सुबह और शाम में गंगा जी के किनारे टहलना, और राम झूला, लक्ष्मण झूला और जानकी पुल जो हाल ही नवंबर, २०२० में बना है। इनकी सुंदरता के साथ, स्वर्गाश्रम, त्रिवेणी घाट और अन्य घाटों पर प्रत्येक शाम को की जाने वाली माँ गंगा की आरती सभी पर्यटको का मन मोह लेती है और मन को शांति प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त शहर में अन्य भी काफी आकर्षित स्थान है।

अन्य पर्यटन स्थल

Neergarh waterfall

नीरगढ़ झरना जिसे नीर झरना भी कहा जाता है, ऋषिकेश-बद्रीनाथ राजमार्ग पर लक्ष्मण झूला से लगभग 5 से 7 किमी की दूरी पर स्थित है। पहाड़ी चट्टानों से तेजी से आ रहा साफ पानी मन को अपनी सुंदरता से मोहित कर लेता है। गर्मियों में कई पर्यटक नीरगढ़ झरने में स्नान करने आते हैं।

Neelkanth Mahadev Temple (नीलकंठ महादेव मंदिर)

नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश से 32 किमी की दूरी पर स्थित एक पवित्र और सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। नीलकंठ महादेव मंदिर भगवान शिव के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। ऋषिकेश के पास एक प्रसिद्ध मंदिर नर नारायण पर्वत श्रृंखला से सटे स्वर्गाश्रम के ऊपर स्थित है। शिवरात्रि और कांवर यात्रा इस जगह का मुख्य उत्सव है

ऋषि वशिष्ठ गुफा, बीटल्स आश्रम (चौरासी कुटिया) और राजाजी टाइगर रिजर्व अन्य शीर्ष पर्यटन स्थल हैं जो पास में हैं। यहां आने वाले यात्री हरिद्वार, देहरादून, चंबा, मसूरी, धनोल्टी, टिहरी झील और छोटा चार धाम यात्रा करना पसंद करते हैं।

निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है और निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट, देहरादून है।

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